देश में पहली बार हज सब्सिडी खत्म, 1.75 लाख यात्री बिना सरकारी मदद करेंगे यात्रा
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न्यूज टुडे
हज सब्सिडी खत्म करने को रघुवर दास ने केंद्र सरकार का दूरदर्शी कदम बताया।
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हज सब्सिडी को खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले की सराहना की है. झारखंड के मुख्यमंत्री ने दूरदर्शी कदम बताते हुए कहा कि इससे अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण बंद होगा और उनके विकास एवं पिछड़े लोगों की बेहतरी के लिए काम शुरू होंगे. उन्होंने केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को बधाई देते हुए कहा कि सब्सिडी में दिया जाना वाला पैसा अब मुस्लिम समुदाय खासकर महिलाओं और बच्चियों की शिक्षा और बेहतरी पर खर्च होगा. केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत है।
मोदी सरकार ने हज यात्रा पर जाने वाले मुसलमानों को करारा झटका दिया है. केंद्र सरकार ने हज यात्रियों को मिलने वाली सब्सिडी खत्म कर दी है. हर साल एक लाख 75 हजार हज यात्रियों को सब्सिडी दी जाती थी. इस पर सरकार को सलाना 700 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते थे।
नकवी ने कहा कि हज यात्रा के लिए मिलने वाली सब्सिडी का लाभ गरीब और जरूरतमंद मुसलमानों को नहीं मिलता था. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हज यात्रा पर जाने वाले गरीब मुसलमानों के लिए मोदी सरकार ने उपाय किया है. आजादी के बाद यह पहली बार है, जब भारतीय मुसलमान बिना सब्सिडी के हज यात्रा पर जाएंगे।
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल ने कहा कि यह कहना पूरी तरह से गलत है कि हज सब्सिडी फंड से एजेंटों और कुछ कंपनियों को फायदा होता था. मामले को मुसलमानों के आत्मसम्मान से जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी 10 साल के अंदर हज सब्सिडी को आहिस्ता-आहिस्ता खत्म करने का निर्देश दिया था. यूपी सरकार के समय से ही हज सब्सिडी खत्म करने की दिशा में काम किया जा रहा है, लेकिन मोदी सरकार ने इसको अचानक और बेहद जल्दी खत्म कर दिया. मोदी सरकार इतनी जल्दी यह फैसला लेकर मुसलमानों को सख्त संदेश देना चाहती है।
वहीं, बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि साल 2012 ही हज सब्सिडी खत्म करने की शुरुआत हुई थी. उसको ही मोदी सरकार ने आगे बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि अब हज सब्सिडी के तहत खर्च होने वाला पैसा अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं और लड़कियों के शैक्षणिक विकास के लिए किया जाएगा।
मालूम हो कि साल 2012 में सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को निर्देश दिया था कि अगले 10 वर्षो में हज पर दी जाने वाली सब्सिडी समाप्त कर दी जाए. न्यायमूर्ति आफताब आलम की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च कोर्ट की पीठ ने सरकार की ओर से प्रति वर्ष मक्का भेजे जाने वाले सद्भावना शिष्टमंडल के सदस्यों की संख्या भी घटा दी थी।
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