डेढ़ वर्षों से लापता बच्चे का अब तक नही मिला कोई सुराग पुत्र की वापसी की आस में टकटकी लगाये बैठी है विधवा माँ
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गिरीडीह।
डेढ़ वर्षों से लापता बच्चे का अब तक नही मिला कोई सुराग……
पुलिस ने सनहा दर्ज़ कर मामले को कर दिया है इतिश्री…
पुत्र की वापसी की आस में टकटकी लगाये बैठी है विधवा माँ…….
पुत्र मोह में हो चुकी है ठगी की भी शिकार…..
गिरिडीह। जिले के निमियाघाट थाना क्षेत्र के ईसरी बस्ती निवासी स्वर्गीय सर्फ उद्दीन अंसारी का 12 वर्षीय पुत्र नईम करीब डेढ़ वर्ष से गायब हैं । वह आवासीय मदरसा जामिया कादरिया खाकी कला का छात्र था।
लापता बच्चे की फाइल फोटो,,,,,
गुमशुदगी के डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक उसका कोई पता नहीं चल पाया है । जिससे परिजन काफी हलकान व परेशान है ।
इस संबंध में गायब छात्र की मां जुलेखा खातून ने बताया कि बीते 4 जनवरी 2017 को मदरसा जाने के लिए बच्चे की दादी ने बेरमो मोड में बच्चे को वाहन में बैठा दिया था लेकिन जब 15 फरवरी को अपने पोते से मिलने के लिए मदरसा गई तो वहां बताया गया कि उन का पोता मदरसा नहीं आया है। बच्चे की हाजिरी बही दिखाने की मांग करने पर मदरसा द्वारा उन्हें हाजरी बही नही दिखाया गया।
परिजनों द्वारा काफी दिनों तक अपने स्तर से आसपास एवं सगे-संबंधियों के बीच बच्चे की खोजबीन की गई लेकिन कुछ पता नहीं चलने पर 25 फरवरी को इस संबंध में निमियाघाट थाना में सनहा दर्ज करा कर बच्चे की खोजबीन करने की मांग की गई।
परिजनों का आरोप है कि मदरसा संचालक ने मदद करने की बजाय हाथ में हाथ धरे बैठी है । वहीं दूसरी ओर गुमशुदगी की शिकायत थाने में दर्ज होने के डेढ़ वर्ष बाद भी लापता बालक का कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगा है। जिसके चलते उनकी मां की स्थिति पागलों जैसी हो गई है। हालांकि वह इस आशा के साथ पुलिस थाने का चक्कर लगा रही है कि उनके लापता बेटे का कोई सुराग पुलिस जरूर ढूंढ निकालेगी।
गरीबी का दंश झेल रही जुलेखा अपने एक मात्र सहारा लापता पुत्र की खोज में घर में जमा पूंजी भी खर्च कर चुकी है और बच्चे को खोज निकालने के नाम पर ठगी की शिकार भी हो चुकी है।
परिवार वालों की चिंता बढ़ गई है कि उनके साथ कोई अप्रिय घटना ना हो गई हो। स्थानीय लोगों ने बाल तस्कर के हाथ होने की संभावना जताई है।
मदरसा जामिया कादरिया खाकी कला नक्सल प्रभावित क्षेत्र में होने के कारण नक्सलियों द्वारा बाल दस्ते में शामिल करने की मंशा से अगवा किये जाने की संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
परिजनो ने पत्र प्रेषित कर बाल संरक्षण आयोग के उच्च पदाधिकारी एवं मुख्यमंत्री जनसंवाद में शिकायत दर्ज कराकर बच्चे को खोजने एवं मदरसा जामिया कादरिया खाकी कला की क्रियाकलापो की जांच की मांग की है।
वही बाल कल्याण समिति के सुरेश शक्ति ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए इसकी सूचना जिला बाल कल्याण पदाधिकारी को दिए एवं बच्चे को खोजने में हरसंभव सहयोग की मांग की है।
लापता बच्चे के प्रति जिले की पुलिस महकमा कितना संवेनशील है यह घटना इस बात की एक बानगी मात्र है। महज गुमशुदगी का सनहा दर्ज करने की खानापूर्ति कर पुलिस ने मामले की इतिश्री कर दि है। नतीजतन डेढ़ वर्ष की लंबी अवधि बीत जाने के बाद भी बच्चे का कोई सुराग नहीं खोज पाई है।
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