डूबने की कगार पर पीएफ और पेंशन ट्रस्ट के हजारों करोड़ रुपए
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नई दिल्ली।
डूबने की कगार पर पीएफ और पेंशन ट्रस्ट के हजारों करोड़ रुपए
नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि आइएलएंडएफएस में निवेश किए गए प्रोविडेंट फंड और पेंशन ट्रस्ट के हजारों करोड़ रुपए डूब सकते हैं। सरकार इस तरह के निवेश की कोई गारंटी नहीं ले सकती है। इस तरह की निवेश को बाजार के जोखिम का सामना करना ही पड़ेगा। नुकसान की जिम्मेदारी बॉन्ड जारी करने वाले और बॉन्ड धारक की ही होगी।
उल्लेखनीय है कि देश के 15 लाख कर्मचारियों के रिटायरमेंट फंड का प्रबंध करने वाले प्रोविडेंट फंडों ने आईएल एंड एफएस बांड के रूप में भारी निवेश किया है। कंपनी के ऊपर 91 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। यह डूबने की कगार पर हैं। सरकार ने पिछले साल अक्टूबर माह में इसके बोर्ड को भंग कर दिया था। उसके बाद बैंकर उदय कोटक की अध्यक्षता में नए बोर्ड का गठन किया गया था।
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्रालय के दबाव में ही प्रोविडेंट फंड और पेंशन ट्रस्टों द्वारा उक्त कंपनी में बांड के रूप में हजारों करोड़ रुपए निवेश किए गए थे।
अब सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है। वहीं प्रोविडेंट फंड और पेंशन ट्रस्ट में जो राशि कर्मचारियों की जमा है। वह पूरी तरह से डूबने की कगार पर पहुंच गई हैं। अब सरकार ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। इससे करोड़ों कर्मचारियों के प्राविडेंट फंड में जमा राशि डूब जायेगी। वहीं सेवा निवृत होने के बाद पेंशन भी नहीं मिल सकेगी।