जीडीपी दर घटकर 6.6 प्रतिशत हुई
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नई दिल्ली।
जीडीपी दर घटकर 6.6 प्रतिशत हुई
नई दिल्ली। कृषि, विनिर्माण और खान एवं खनन गतिविधियों में सुस्ती की वजह से चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रही और इसके कारण 31 मार्च को समाप्त हो रहे चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को कम करके सात प्रतिशत कर दिया गया है। इसी तरह से बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य यूटिलिटी सेवाओं में 8.2 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गयी है जबकि वर्ष 2017-18 की समान अवधि में यह 7.5 प्रतिशत रही थी। होटल, ट्रेड, परिवहन, संचार और प्रसारण से जुड़ी सेवाओं की वृद्धि दर तीसरी तिमाही में 6.9 प्रतिशत रही, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 8.3 प्रतिशत रही थी।केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी दूसरे अग्रिम अनुमान में ये आंकड़े जारी किए गए हैं। चालू वित्त वर्ष में पहली तिमाही में विकास दर आठ प्रतिशत रही थी। दूसरी तिमाही में यह घटकर सात प्रतिशत और 31 दिसंबर 2018 को समाप्त तीसरी तिमाही में और गिरते हुए 6.6 प्रतिशत रह गई। इस कारण चालू वित्त वर्ष के दूसरे अग्रिम अनुमान में जीडीपी की अपेक्षित वृद्धि दर पहले अनुमान के 7.2 प्रतिशत से कम करके सात प्रतिशत कर दिया गया है।
विनिर्माण गतिविधियों में सुस्ती देखी गई जिससे इस क्षेत्र की वृद्धि दर वर्ष 2017-18 की तीसरी तिमाही के 8.6 प्रतिशत से घटकर इस वर्ष की समान अवधि में 6.7 प्रतिशत रह गई। सीएसओ के अनुसार निर्माण गतिविधियों में सुधार हुआ है जिससे निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर तीसरी तिमाही में 9.6 प्रतिशत रही जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह आठ प्रतिशत रही थी।
आंकड़ों के अनुसार, तीसरी तिमाही में कृषि, वानिकी एवं मत्स्य पालन क्षेत्र की वृद्धि दर 2.7 प्रतिशत रही जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 4.6 प्रतिशत रही थी। इसी तरह से खान एवं खनन क्षेत्र की वृद्धि दर भी पिछले वर्ष के 4.5 प्रतिशत से घटकर 1.3 प्रतिशत पर आ गई है।