जाने-माने कन्नड़ साहित्याकार, रंगकर्मी, एक्टर गिरीश कर्नाड का 81 साल की उम्र में निधन। क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर…….
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नई दिल्ली।
जाने-माने कन्नड़ साहित्याकार, रंगकर्मी, एक्टर गिरीश कर्नाड का 81 साल की उम्र में निधन। क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर…….
नई दिल्ली। जाने-माने कन्नड़ साहित्याकार, रंगकर्मी, एक्टर गिरीश कर्नाड का 81 साल की उम्र में आज बेंगलुरु में निधन हो गया। बताते चलें कि उनके निधन की वजह मल्टीपल ऑर्गेन का फेल होना है। जानकारी के अनुसार कर्नाड लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। पिछले कुछ महीनों से उनका इलाज चल रहा थ।
वहीं कर्नाड के निधन से साहित्य और सिनेमा जगत में शोक की लहर है। बताते चलें कि गिरीश कर्नाड बहुमुंखी प्रतिभा के धनी थे। 1960 के दशक में नाटकों के लेखन से कर्नाड को लोग पहचानने लगे। कन्नड़ नाटक लेखन में गिरीश कर्नाड की वही भूमिका है जो बंगाली में बादल सरकार, मराठी में विजय तेंदुलकर और हिंदी में मोहन राकेश जैसे दिग्गज नाटककारों की है।
लगभग पांच दशक से ज्यादा समय तक कर्नाड नाटकों के लिए सक्रिय रहे। कर्नाड ने अंग्रेजी के भी कई प्रतिष्ठित नाटकों का अनुवाद किया। कर्नाड ने हिंदी और कन्नड़ सिनेमा में अभिनेता, निर्देशक और स्क्रीन राइटर के तौर पर काम किया. उन्हें पद्मश्री और पद्म भूषण का सम्मान मिल। बताते चलें कि कर्नाड को चार फिल्म फेयर अवॉर्ड भी मिले।
गिरीश कर्नाड को 1978 में आई फिल्म भूमिका के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला था. उन्हें 1998 में साहित्य के प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। गिरीश ने कन्नड़ फिल्म संस्कार(1970) से अपना एक्टिंग और स्क्रीन राइटिंग डेब्यू किया था। इस फिल्म ने कन्नड़ सिनेमा का पहले प्रेजिडेंट गोल्डन लोटस अवार्ड जीता था।
बॉलीवुड में उनकी पहली फिल्म 1974 में आयी जादू का शंख थी। गिरीश कर्नाड को सलमान खान की फिल्म एक था टाइगर और टाइगर ज़िंदा है के लिए जाना जाता है। इसके अलावा उन्होंने बॉलीवुड फिल्म निशांत (1975), शिवाय और चॉक एन डस्टर में भी काम किया था।