कानून के लंबे हाथों से 17 साल बाद भी नहीं बच पाया।
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न्यूज टुडे
गिरिडीह।
राजेश कुमार!
17 साल बाद जानकी साव के हत्यारे को मिली उम्रकैद
हत्यारों को 5-5 हजार का लगा साथ में जुर्माना
कहतें है कानून का हाथ बहुत लम्बा होता है। जिसके चंगुल से हत्यारा कभी बच नही सकता।भले ही इंशाफ के तराज़ू पर सच का पलड़ा भारी होने में कुछ वक़्त जरूर लगता है। लेकिन सच तो आखिर सच होता है। वह लाख नापाक कोशिशों के बाद भी छिप नही सकता।
क्या है पूरा मामला
कुछ ऐसा ही वाक्या सोमवार को गिरिडीह के व्यवहार न्यायालय में देखा गया। 17 सालों तक न्यायालय में बहस, जिरह, गवाही आदि की प्रक्रिया से गुजरने के बाद आखिरकार जिले के बेंगाबाद (फफूंदी) निवासी जानकी साव हत्या कांड के आरोपियों को सजा मिल ही गई।
जिला एवम अपर सत्र न्यायाधीश अष्टम विनोद कुमार सिंह की अदालत ने सोमवार को इस हत्याकांड के 5 आरोपियों के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनायी। जिन आरोपियों को उम्रकैद की सज़ा सुनायी गयी
पुलिस कस्टडी में आरोपी।
उनमें गिरधारी महतो, कैला महतो, बनवारी महतो, वासुदेव महतो और बालदेव महतो शामिल हैं।
विद्वान न्यायाधीश ने भारतीय दंड विधान की धारा 302, 341, 323, 147 एवम 148 के तहत पांचों को दोषी पाते हुवे सभी धाराओं में अलग अलग सजा सुनाई। दफा 302 में आजीवन कारावास के आलावे सभी आरोपियों पर 5-5 हज़ार का अर्थ दंड भी लगाया।
इस बाबत सरकारी अधिवक्ता नकुल साव ने बताया कि 6 अप्रैल 2000 को बेंगाबाद के फफूंदी ग्राम में एक महुआ पेड़ को लेकर दो पक्षो में झगड़ा हुआ था।उस वक्त आरोपी पक्ष ने जानकी साव व उनके परिजनों पर हरवे-हथियार के साथ हमला बोल दिया था। घटना में घायल जानकी साव की मौत इलाज के दौरान हो गई थी। कांड दर्ज होने के बाद सालो तक मामला कोर्ट में चलता रहा और तमाम प्रक्रियाओं के बाद आखिरकार हत्यारोपियों को सजा मिल ही गई।
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