
गढ़वा।
कांग्रेस ने निकाली परिवर्तन रैली, क्षेत्र के ज्वलंत समस्याओं का मुद्दा उठाया। पढ़ें पूरी खबर…….
(संवाददाता-विवेक चौबे)
गढ़वा। जिले के मझिआंव प्रखण्ड कार्यालय के पास परिवर्तन रैली निकालते हुए एक बैठक आयोजित की गई। मझिआंव-विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेसी नेता-अमृत शुक्ला के नेतृत्व में बैठक आहूत की गई ।मंच संचालक-नंदलाल शुक्ला थे।अमृत शुक्ला ने गणमान्य लोगों को संबोधित किया।संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में ज्वलंत समस्याओं जैसे-बिजली,पानी सहित कई समस्याएं हैं,जो अब भी 35 वर्षों में भी दूर नहीं हो सकी।उन्होंने बीजेपी सरकार के लिए हास्यपद आवाज उठाई।उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र के नेता स्वास्थ्य मंत्री सह विधायक हो और उस क्षेत्र की अस्पताल में दवा न हो।कितनी शर्मनाक बात है।उन्होंने तंज कसते हुए पूर्व विधायक,मंत्री पर कहा कि नेताओं में विकास कार्य का सोंच है ही नहीं।
उन्होंने कहा कि क्या उन नेताओं को लगता है कि यहां की जनता पैसे पर बिकने वाली है,किन्तु जनता ठीक से समझ रही है कि किस नेता को मत देना चाहिए,क्योंकि इस क्षेत्र की जनता कई ज्वलन्त समस्याओं से जूझ रही है। ऐसे नेताओं की खबर दिल्ली तक है।उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में व नेताओं दोनों में परिवर्तन आवश्यक है।उन्होंने कहा कि यदि जनता ने चाहा तो इस क्षेत्र को कमीशन रहित विकास कर दिखाऊंगा।अगर मैं विकास नहीं कर पाया,जनता को संतुष्ट नहीं कर पाया तो उसी दिन इस्तीफा दे दूंगा। 35 वर्षों से जनता ठगी जा रही है।
उन्होंने कहा कि कई नेताओं का आगमन जनता के बीच होगा।जाती-धर्म आदि के नाम पर तोड़ेंगे।उन्होंने कहा कि नवजवानों को विचार करने का समय आ गया है।सभी नवजवान को गोलबंद होने के लिए कहा।कहा कि युवा पढ़ लिखकर भी बेरोजगारी झेल रहे हैं।विवश होकर बाहर प्लांट में मजदूरी करने जाते हैं,जहां हर वर्ष शिक्षित युवाओं की मौत हो जाती है।बता दें कि समाजसेवी सह प्रधानाचार्य से सेवानिवृत्त-अच्युतानंद त्रिपाठी,रामबृक्ष मुखिया,भरत यादव,बीरेंद्र सिंह ,भूपेंद्र पांडेय,पूर्णिमा पांडेय शेख इमामुदिन सहित अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया।
सबने कहा कि अमृत शुक्ला शुरू से ही जुझारू नेता रहे हैं।हर गरीबों की मदद करना इनकी चाहत है।शेख इमामुदिन ने कहा कि क्या कोई ऐसा बंदा धरती पर नहीं आएगा जो परिवर्तन कर दिखाए।उन्होंने कहा कि अमृत शुक्ला ही इस क्षेत्र में विकास में परिवर्तन कर सकते हैं।अब वक्त आ गया है जनता को सोंचने समझने की।