आस्था या अंधविश्वास
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न्यूज टुडे
आस्था या अंधविश्वासः मनोकामना पूरी करने के लिए सर पर मिट्टी रख कर तालाब में फेकि जाती है।
धनबाद के बरवाअड्डा इलाके के बड़ा जमुआ में मकर संक्रांति के अवसर पर लगता है ग्रामीण मेला और उस मेले में आस्था के नाम पर अंधविश्वास का बड़ा खेल भी देखने को मिलता है।मेले में ऐसी मान्यता है कि सर पर मिट्टी रखकर तालाब में फेंकने से शरीर के फोड़े फुंसी एवं अन्य चर्म रोग खत्म हो जाते हैं अब तक जो लोग यहां पर पहुंचे हैं उनका मानना है कि।
ऐसे लंबे समय से चमत्कार होते आ रहे हैं लेकिन विज्ञान के युग में इस चमत्कार को मनाना अन्धविशास को बढ़ावा देना ही कहा जायेगा।बात मेले को ग्रामीण ख़यालचंडी मेले के नाम से जानते हैं। बात इसके इतिहास की करें तो वह कई दशकों पुराना है और यहां पर लोग लाखों की संख्या में एकत्र होते हैं कई तरह के व्यंजन ,झूलों से सजे इस मेले में स्त्री पुरुष और बच्चे सभी आते हैं लेकिन जो महत्वपूर्ण आकर्षण और आस्था का केन्द्र होता है ,सर पर मिट्टी रखकर पास के तालाब में फेकना और चर्मरोग से मुक्ति की मिन्नत करना है।
कभी-कभी इंसान अपनी खुशियों के लिए या कहें की अजीब-ओ-गरीब मान्यताओं के कारण बहुत अमानवीय हो जाता है. हमारे देश भारत में भी कुछ मान्यताएं प्रचलित हैं, जिन्हें देखकर आप भी कहेंगे क्या हो रहा है।
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