आज ही के दिन माता सीता का निकली थीं भूमि से। क्लिक कर जाने विस्तृत…..
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नई दिल्ली।
आज ही के दिन माता सीता का निकली थीं भूमि से। क्लिक कर जाने विस्तृत…..
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को सीता नवमी अर्थात जानकी जयंती के तौर पर मनाया जाता है। धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक इसी दिन माता सीता का प्राकट्य हुआ था, इसलिए इस दिन को माता सीता के प्राकट्य दिवस के रुप में भी मनाते हैं। मान्यता अनुसार जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है एवं राम-सीता का विधि-विधान से पूजन करता है, उसे 16 महान दानों का फल, पृथ्वी दान का फल तथा समस्त तीर्थों के दर्शन का फल प्राप्त हो जाता है। पौराणिक शास्त्रों में उल्लेखित है कि वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को पुष्य नक्षत्र के मध्याह्न काल में जब महाराजा जनक संतान प्राप्ति की कामना से यज्ञ की भूमि तैयार करने के लिए हल से भूमि जोत रहे थे, उसी समय भूमि से एक बालिका का प्राकट्य हुआ।
चूंकि जोती हुई भूमि को और हल की नोक को भी ‘सीता’ कहा जाता है, अत: इस बालिका का नाम भी ‘सीता’ रखा गया। इस प्रकार सीता के प्राकट्य पर्व को ‘जानकी नवमी’ के रुप में भी जाना जाता है।
इसके लिए जरुरी है कि इस दिन माता सीता के मंगलमय नाम ‘श्री सीतायै नमः’ और ‘श्रीसीता-रामाय नमः’ का जाप करते हुए पूजा करें। यह अत्यंत लाभदायी होता है।
इस दिन किए जाने वाले व्रत को विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए करती हैं।
इस पर्व के दिन सिता माता की पूजा अर्चना करने से मनभावन फल प्राप्त होते हैं।