आइडिया सेल्यूलर का विलय जल्दी ही वोडाफोन में होना है!
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न्यूज टुडे
आइडिया सेल्यूलर का विलय जल्दी ही वोडाफोन में होना है!
आइडिया सेल्यूलर का विलय जल्दी ही वोडाफोन में होना है। आईडिया अपने कारोबार को वोडाफोन के भारतीय कारोबार के साथ मिलाने का फैसला कर चुकी है। इसमें कारोबारों के विलय की प्रक्रिया चल रही है। एयरटेल के बाद वोडाफोन इंडिया का ग्राहक के हिसाब से भारत के मोबाइल दूरसंचार बाजार में दूसरा सबसे बड़ा प्लेयर है। आईडिया के विलय के बाद वोडाफोन बाजार की सबसे बड़ी कंपनी होगी। उसके ग्राहक 40 करोड़ से ज्यादा हो जाएंगे।
अभी एयरटेल के हैं सबसे ज्यादा ग्राहक
देश में मोबाइल ग्राहकों की संख्या पिछले दिसम्बर 2017 तक 98.16 करोड़ हो गई है। प्रमुख दूरसंचार कंपनियों के शीर्ष उद्योग संघ सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने मोबाइल ग्राहकों की संख्या की नवीनतम रिपोर्ट में बुधवार (17 जनवरी) को दी है। एयरटेल के ग्राहक सबसे ज्यादा हैं। दिसम्बर में एयरटेल ने 5 लाख नए ग्राहक जोड़े और उसके कुल ग्राहकों की संख्या 29.01 करोड़ हो गई। एयरटेल के बाद वोडाफोन के दिसंबर में कुल 21.25 करोड़ ग्राहक थे।
आइडिया सेल्यूलर ने मांगी 100 प्रतिशत विदेशी भागीदारी की इजाजत
दूरसंचार कंपनी आइडिया सेल्यूलर ने सरकार से अनुरोध किया है कि उसे अपने यहां विदेशी हिस्सेदारी 100 प्रतिशत तक ले जाने की इजाजत दी जाए। कंपनी ने निवेशकों को दी गयी सूचना में कहा कि कंपनी में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति के लिए डीआईपीपी ( औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग) से आवेदन किया है। कंपनी में दिसंबर 2017 की स्थिति के अनुसार अभी विदेशी हिस्सेदारी करीब 27 प्रतिशत है।
इस समय दूरसंचार कंपनियों में सीधी विदेशी हिस्सेदारी 100 प्रतिशत तक ले जायी जा सकती है, लेकिन 49 प्रतिशत से ऊपर की एफडीआई के लिए सरकार की मंजूरी लेना जरूरी है। यह शर्त सुरक्षा कारणों से रखी गयी है। आईडिया सेल्यूलर अपना कारोबार ब्रिटेन की कंपनी वोडाफोन के भारतीय कारोबार के साथ मिलाने का फैसला कर चुकी है और कारोबारों के विलय की प्रक्रिया चल रही है। अभी वोडाफोन इंडिया का ग्राहकी के हिसाब से भारत के मोबाइल दूरसंचार बाजार में एयरटेल के बाद दूसरा स्थान है। विलय के बाद बनी कंपनी के ग्राहक 40 करोड़ से अधिक हो जाएंगे और वह बाजार की सबसे बड़ी कंपनी होगी।
स्पेक्ट्रम के हिसाब से एयरटेल 1,976 मेगा हर्त्ज के साथ प्रथम और वोडाफोन-आइडिया 1,850 मेगा हर्त्ज के साथ दूसरे स्थान पर होगी। नयी कंपनी रिलायंस जियो (1,480 मे.ह.) तीसरे स्थान पर होगी। वोडाफोन आईडिया संयुक्त उपक्रम में वोडाफोन की हिस्सेदारी 47.5 प्रतिशत रहने की संभावना है।
आइडिया सेल्यूलर का विलय जल्दी ही वोडाफोन में होना है।
आइडिया को हुआ अब तक का सबसे बड़ा घाटा!
जियो के टेलिकॉम इंडस्ट्री में कदम रखने से दूसरी टेलिकॉम कंपनियों के नतीजों पर प्रभाव पड़ा है। जियो को जहां पहली बार 504 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ। वहीं, आइडिया जैसी पुरानी टेलिकॉम कंपनी को तीसरी तिमाही में बड़ा घाटा हुआ है। वित्त साल 2018 की तीसरी तिमाही में आइडिया सेल्युलर को 1284 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। वहीं, दूसरी तिमाही में आइडिया सेल्युलर का घाटा 1106 करोड़ रुपए रहा था। वित्त साल 2018 की तीसरी तिमाही में आइडिया सेल्युलर की आय 13.3 प्रतिशत घटकर 6,510 करोड़ रुपए रही है। जबकि दूसरी तिमाही में आइडिया की आय 7510 करोड़ रुपए रही थी।
EBITDA, मार्जिन में भी गिरावट
तिमाही दर तिमाही आधार पर अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में आइडिया सेल्युलर का एबिटडा 1547 करोड़ रुपए से घटकर 1223 करोड़ रुपए रहा। तिमाही आधार पर अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में आइडिया सेल्युलर का एबिटडा मार्जिन 20.6 प्रतिशत से घटकर 18.8 प्रतिशत रहा है।
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