अरबों डॉलर के कर्ज के तले दबा पाकिस्तान अब गधों का सहारा ले रहा है।
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इस्लामाबाद।
अरबों डॉलर के कर्ज के तले दबा पाकिस्तान अब गधों का सहारा ले रहा है।
इस्लामाबाद। अरबों डॉलर के कर्ज के तले दबे पाकिस्तान को अब विदेशी मुद्रा जुटाने के लिए गधों का सहारा लेना पड़ रहा है। बताते चलें कि आर्थिक तंगी दूर करने के लिए चीन समेत कई देशों को गधों का निर्यात करने वाले पाकिस्तान में हैदराबाद शहर से 70 किमी दूर बादिन जिले में पिछले 70 सालों से लगने वाला गधों का मेला काफी लोकप्रिय हो गया है। वहीं आपको बता दे कि पाकिस्तान दुनिया में गधों का तीसरा सबसे बड़ा घर है। पाकिस्तान में लगने वाले इस मेले में भूरे, सफेद, ग्रे हर तरह के गधे मौजूद हैं। इस मेले में हिस्सा लेने के लिए कराची, बादिन, थट्टा, सिंध और दूर-दूर के व्यापारी आते हैं। वहीं मेले में आ रहे ग्राहकों के लिए सबसे ज्यादा मजेदार इन गधों के नाम हैं।
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मेले में आए गधों का नाम एके-47, एफ-16, रॉकेट लॉन्चर, परमाणु बम, माधुरी, शीला, दिल पसंद, पवन आदि रखे गए हैं। पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक मेले में स्थानीय नस्ल के गधे काफी पंसद किए जा रहे हैं। हालांकि गधों के बढ़े हुए दाम की वजह से खरीदार कम गधे खरीद रहे हैं। इस मेले में 20 हजार से लेकर 2 लाख रुपये तक के गधे मिल रहे हैं। यह पूरा मेला करीब 4 एकड़ इलाके में लगा है। हालांकि कुछ ग्राहकों की शिकायत है कि बड़े शहरों से दूरी होने की वजह से उन्हें यहां आने में परेशानी हुई। गधों की आबादी के लिहाज से पाकिस्तान दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा देश है। पाकिस्तान में करीब 50 लाख गधे हैं। गधों की आबादी के मामले में चीन पहले स्थान पर है। इन गधों से चीन में परंपरागत दवाइयां तैयार की जाएंगी। गधे के चमड़े से बनी दवा को चीन में इम्यून सिस्टम को मजबूत करने और खून बढ़ाने वाला माना जाता है।